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Shri Krishna Sharanam Mamah | श्री कृष्ण शरणम ममः का रहस्य और महिमा: दोस्तों नमस्कार, आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए श्री कृष्ण: शरणं मम: मंत्र के बारे में बताएंगे। जिस प्रकार श्री चैतन्य महाप्रभु सारे संसार को पवित्र करने के लिए हरे कृष्ण महामन्त्र का प्रचार किया, उसी प्रकार श्री कृष्ण: शरणं मम: अष्टाक्षर महामन्त्र अखंड भूमंडल आचार्यवर्य जगद्गुरु श्री वल्लभाचार्य महाप्रभुजी द्वारा प्रकटित है। श्रीमद्वल्लभाचार्यजी लिखते है: भगवान के स्वधाम पधार जाने पर उनके नाम का उच्चारण करने मात्र से ही जीव मुक्त हो जाता है, भव बंधन से छूट जाता है। जो नाममन्त्र अथवा नामदीक्षा के रूप में ‘श्री कृष्ण: शरणं मम:’ का संकीर्तन और जप से वैष्णवों को परम आनन्द और शान्ति का अनुभव होती है। जो पुष्टि सम्प्रदाय में नाममन्त्र संज्ञा से सुप्रसिद्ध है। तो दोस्तों आइए जानते हैं इस्का रहस्य, और महिमा:
श्री कृष्ण शरणं मम का रहस्य:
यह जीवात्मा को अपने कर्मों के अनुसार, अच्छे कर्म के लिए सुख और समृद्धि का फल और बुरे कर्म के लिए दुख और पीड़ा का फल भुगतना पड़ता है। इसलिए हमारे द्वारा किए गए कर्मों के फलों को भोगने के लिए हमें नया जन्म लेना पड़ता है। जब तक हम कर्मों के फलों को नहीं भोग लेते, तब तक हम जन्म-मरण कि चक्र में फंस जाते हैं। 84 लाख योनियों में भटकने के बाद हमें दुर्लभ मानव जन्म मिलता है। तब हमारे जीवन में गुरु आते हैं, हमें भगवान के दिव्य नाम मिलता है। जब हम भगवान के नाम को निरंतर जाप करते, तब हमारे जीबन में आध्यात्मिकता अति है। आध्यात्मिकता से भक्ति की प्राप्ति होती है, भक्ति से (तीन तरह के कर्म: क्रियमाण, सञ्चित और प्रारब्ध) चित्त में पड़े प्रारब्ध के संचित कर्मों का नाश हो कर, निष्काम भाव प्राप्त होता है। निष्काम भाव से भगवान के प्रति समर्पण और आत्मीय संबंध का अनुभव होती है। आत्मीय संबंध से ज्ञान प्राप्त होता है। ज्ञान से आत्म-विकास और धार्मिक उन्नति होती है। भगवत गीता के अनुसार कर्म योग, भक्ति योग, और ज्ञान योग, एक-दूसरे के साथ मिलकर व्यक्ति को आत्मिक शुद्धि और मुक्ति की प्राप्ति में मदद करते हैं। इस प्रकार का जन्म, अत्यंत दुर्लभ और अंतिम जन्म होता है।
य: स्मरेत्तु सदा मन्त्रं ‘श्रीकृष्ण: शरणं मम’।
अष्टाक्षरं जपेन्नित्यं यमो दृष्ट्वा हि शंकते ॥
जो प्राणी सदैव श्रीकृष्ण: शरणं मम इस अष्टाक्षर महामन्त्र का स्मरण, जप-कीर्तन करता है, उसको देखकर यम निश्चय शंकित होते हैं। जिस प्रकार भगवान मनुष्य की भावना के अनुसार उसके मनोरथ पूर्ण करने में समर्थ हैं, उसी प्रकार इस अष्टाक्षर महामन्त्र का प्रत्येक अक्षर समस्त मनोरथों को पूर्ण करने में समर्थ है। जप से सब प्रकार के क्लेशों की निवृत्ति होती है और समाधि सिद्ध होती है।
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महामन्त्र के प्रत्येक अक्षर की महिमा:
श्री : यह सौभाग्य, धन और राजसुख देता है।
कृ : यह पाप का शोषण करता है।
ष्ण : यह तीनों प्रकार के दु:खों (आधिभौतिक, आध्यात्मिक और आधिदैविक) का हरण करता है।
श : यह जन्म-मरण का दु:ख दूर करता है।
र : यह प्रभु सम्बन्धी ज्ञान देता है।
णं : यह प्रभु में दृढ़भक्ति कराता है।
म : यह भगवत्-सेवा के उपदेशक गुरुदेव में प्रीति कराता है।
म : यह प्रभु में सायुज्य कराता है, जन्म मरण के चक्र से मुक्ति दिलाता है।
नाममन्त्र की महिमा:
इस मन्त्र के उच्चारण से सिद्धि सदैव घर में रहती है। समस्त प्रकार के आनन्दों की उपलब्धि होती है। सारे विघ्न, बीमारियां, ग्रहपीड़ा दूर हो जाते हैं। साथ ही दुर्लभ भगवत्प्रेम की प्राप्ति होती है। आक्रमण, अपमान-सहन आदि के निवारण का भी उत्तम साधन यह नाममन्त्र है। इस प्रकार यह कलियुग का महामन्त्र है, कलिकाल में भवसागर से पार होने का यह सहज और सरल उपाय है।
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नाममन्त्र | नामदीक्षा | महामन्त्र
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Shri Krishna Sharanam Mamah
Shree Krishna Sharanam Mama,
Shree Krishna Sharanam Mama
Kadam Keri Dalon Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Yamuna Keri Paro Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Vraj Choraasi Kosh Bole
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Kund Kund Ni Seediyon Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Kamal Kamal Par Madhukar Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Daal Daal Par Pakshi Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Vrindavan Naa Vrikshon Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Gokulya Ni Gayon Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Kunj Kunj Van Upwan Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Vraj Bhoomi Na Vrajkan Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Ras Ramanti Gopi Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Dhenu Charaavta Gopo
Bole Shree Krishna Sharanam Mama
Vaja Ne Tabla Maan Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Sharnaitambur Maan Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Nritya Karanti Naari Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Kesar Keri Kyaari Bole
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Akaashe Patale Bole
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Chaud Lok Brahmaande Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Chand Sarovar Chauke Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Patra Patra Shakhaayein Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Ambu Limbu Ne Jambu Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Vanaspati Hariyaali Bole
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Jatipura Na Loko Bole
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Mathuraji Na Choba Bole
Shree Krishna Sharanam Mama
Govardhan Na Shikhaaro
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Gali Gali Gehavarvan Bole
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Venu Swar Sangeete Bole
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Kala Karanta Mor Bole
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Kulin Kandara Madhuban Bole
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Shri Yamunaji Ni Lehron Bole
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Amba Dale Koyal Bole
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Tulsiji Na Kyaara Bole
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Sarva Jagat Maan Vyaapak Bole
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Virhijan Na Haiya Bole
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Krishna Viyoge Aatur Bole
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Vallabhi Vaishnav Sarve Bole
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Madhur Veena Vajintro Bole
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Kumudini Sarvar Maan Bole
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Roma Roma Vyakul Thai Bole
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श्री कृष्ण शरणं ममः
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व्रज चौरासी कोष बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
कुंड कुंड नी सीढियों बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
कमल कमल पर मधुकर बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
डाल डाल पर पाक्षी बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
वृंदावन ना वृक्षों बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
गोकुल्या नी गायों बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
कुंज कुंज वन उपवन बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
व्रज भूमि ना रजकण बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
रास रमंती गोपी बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
धेनु चरावत गोपो बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
बाजा ने तबला मा बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
शरनै ते तंबुर मा बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
नृत्य करंति नारी बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
केसर केरी क्यारी बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
आकाशे पाताले बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
चौद लोक ब्रह्मांडे बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
चन्द्र सरोवर चौक बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
पत्र पत्र शाखाएं बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
आंबु लिम्बु ने जम्बू बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
वनस्पति हरियाली बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
जातिपुरा ना लोको बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
मथुराजी ना चौबा बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
गोवर्धन न शिखरौ बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
गली गली गेहवरवन बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
वेणु स्वर संगीते बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
कला करंता मोर बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
कुलिन कंदरा मधुबन बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
श्री यमुनाजी नी लहरों बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
आम्बा डाड़े कोयल बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
तुलसीजी ना क्यारा बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
सर्व जगत मा व्यपाक बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
विरहिजन ना हैया बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
कृष्णा वियोगे आतुर बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
वल्लभी वैष्णव सर्वे बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
मधुर वीणा वाजिंत्रो बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
कुमुदिनी सरवर मान बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
चंद्र सूर्य आकाश बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
तारलिया ना मंडल बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
अष्ट प्रहर आनंदे बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
रोम रोम व्यकुल थई बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
महामंत्र मन माहे बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
युगल चरण अनुरागे बोले
श्री कृष्ण शरणं ममः
श्री कृष्ण शरणं ममः
श्री कृष्ण शरणं ममः
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